डाइबिटीज के रोगियों की विचित्र किंतु सत्य बातें

पहले तो Type 2 Diabetes के रोगी भोजन ऐसा करते हैं जिससे शुगर बढ़े, फिर उस बढ़ी हुई शुगर को सामान्य करने के लिए भोजन के पहले टेबलेट खाते हैं, फिर उस टेबलेट से शुगर अधिक डाउन न हो जाए इसके लिए बिना समय के फिर से भोजन करते है। अपनी उस दिनचर्या में कोई परिवर्तन नही करना चाहते जिससे Diabetes ठीक होने में सहायता मिलती हो। इसमे विचित्र बात यह है कि कई लोग यह जानते हैं कि वो जो खा रहे हैं, उससे उन्हें रोग की समस्या बढ़ेगी ही फिर भी वो वही भोजन वैसे ही लेते रहते है और वो यह भी जानते है कि दिनचर्या में कुछ बदलाव करने से उनकी समस्या कम हो जाएगी फिर भी वो उन परिवर्तनों से बचने के बहाने ढूंढते फिरते हैं।

इससे भी विचित्र बात यह है कि, लगातार एंटीडाईबिटिक मेडिसिन लेते लेते पेशेंट को स्वयं यह समझ आने लगता है कि इन मेडिसिन्स से केवल उनके शुगर की रिपोर्ट में सुधार हो रहा है जबकि उससे सम्बंधित स्वास्थ्य समस्याओं जैसे कमजोरी, हाथ-पैर में जलन, सुन्नता, किडनी पर असर, त्वचा पर असर, शारीरिक क्षमता पर असर इत्यादि तो शरीर मे समय समय पर अपना स्थान बनाए ही जा रहैं हैं। इसके बाद भी पेशेंट अपना जड़त्व नही छोड़ता ओर उन्ही मेडिसिन को खाते रहता है और उपर्युक्त लक्षणों को अपनी नियति मानकर जीवन को धक्का प्लेट गाड़ी की भाँति झेलता रहता है।

वर्तमान समय मे यह स्थापित सत्य हो चुका है कि type 2 diabetes को अब हम कुछ नियमित जीवनशैली के सुधारो से पूरी तरह से रिवर्स कर सकते है तथा पूर्णतया पहले की तरह स्वस्थ्य जीवन जी सकते है। हमे आवश्यकता है इन सुधारो को जीवन मे आत्मसात कर लेने की जैसे-

A. व्यायाम सम्बन्धी सुधार

1 सूक्ष्म व्यायाम
2 प्राणायाम
3 आवर्तन ध्यान
4 एन्टीग्रेविटी एक्सरसाइज

B. भोजन सम्बन्धी सुधार

1 अधिक ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले भोजन को त्यागना, जैसे- दूध और दूध से बनी चीजें, मक्का, आलू, चावल, मैदा, मिठाई, गेहूँ, मूंग दाल इत्यादि।
2 कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले भोजन को लेना, जैसे- जव, बाजरा, चना, ज्वार, हरी सब्जियां इत्यादि।

C. मन से सम्बन्धित सुधार

  1. स्वयं को सदैव शांत व प्रसन्नचित बनाए रखना।
    2 चिंता, शोक, क्रोध, उद्विग्नता, हिंसा, लोभ, मोह, भय, बदले की भावना इत्यादि मानसिक विकृतियों को त्यागना।
    3 दान, दया, तप, भक्ति, कृतज्ञभाव इत्यादि सद्गुणों का विकास ओर जीवन मे उपयोग।

दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ इन छोटे छोटे परिवर्तनो को जीवन मे उतार लेने से डाइबिटीज तो क्या, हम किसी भी रोग को जीत सकते है। डाइबिटीज रिवर्सल की इस यात्रा के समय प्रारम्भ में बढ़ी हुई शुगर या शरीर मे आने वाले लक्षणों के लिए कुछ आयुर्वेदिक औषधियों का उपयोग किया जा सकता है। आयुर्वेदिक पंचकर्म द्वारा शरीर का समय समय पर शोधन करा लेने से भी शीघ्रता से रोग मुक्त हुआ जा सकता है। आयुर्वेद एवं पंचकर्म का उपयोग अपने आस पास के किसी क्वालिफाइड आयुर्वेद विशेषज्ञ से परामर्श करके ही करना चाहिए, google गुरु अथवा वाट्सअप यूनिवर्सिटी से नही अन्यथा यह हानिकारक भी हो सकता है।

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